लेखनी प्रतियोगिता -20-Aug-2022

जीवन का विविध रंग

जीवन है कैनवस हम सब हैं इसके चित्रकार,
मनोभावों को उकेर देते हैं हम नए आकार।
कभी खुशियों का सफर कभी दुखों का भार,
संघर्षपूर्ण जीवन जिसमें रंगों की है भरमार।

भावों की है विविधता हर पल आते नए विचार, 
कभी प्रेम का आकर्षण कभी नफरत भरे उद्गार। 
कभी आशाओं के शज़र उम्मीदों के फूल हजार,
जीवन की है विविधता मनु जीवन का यही आधार।

जन्म से मरण तक रंग रंगीले सपनों की है बहार,
पर दुख रंग बहुतेरे धर धीर सब करना दरकिनार।
सुख-दुख,आशाएं मनोकामनाएं उत्साह और प्यार,
जीवन के इन विविध रंगों में यह सब रहे बरकरार।

खुशियों भरा यह जीवन हरियाली भरा है ये संसार, 
अनकही, अनहोनी कभी ना आए 'अलका' के द्वार।
जीवन में विविध रंग हो इंद्रधनुषी सात रंगों का सार, 
जीवन है एक कैनवस हम सब  हैं इसके चित्रकार।

अलका गुप्ता 'प्रियदर्शिनी' 
लखनऊ उत्तर प्रदेश।
स्व रचित मौलिक व अप्रकाशित
@सर्वाधिकार सुरक्षित।

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21 Comments

Bhut khoob 🌺

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Pankaj Pandey

22-Aug-2022 01:21 PM

Bahut achhi rachana 👌👌

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Seema Priyadarshini sahay

22-Aug-2022 09:13 AM

बेहतरीन रचना

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